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श्री राधा जी की आरती का महत्व और सही विधि

बहुत से भक्त राधा जी की आरती तो करते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि आरती क्यों की जाती है और इसे करने की सही विधि क्या है।

यह लेख किसी कथा से अधिक, एक सरल भक्ति मार्गदर्शिका है।

राधा जी की आरती क्यों की जाती है?

  • मन को शांत करने के लिए
  • दिनभर की नकारात्मकता हटाने के लिए
  • हृदय में प्रेम और समर्पण जगाने के लिए
  • राधा जी से भावनात्मक जुड़ाव बनाने के लिए

आरती दीपक की नहीं, अपने अहंकार की होती है।

राधा जी की आरती करने का सही समय

राधा जी की आरती आप किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन कुछ समय विशेष माने गए हैं:

  • प्रातः ब्रह्ममुहूर्त
  • संध्या के समय
  • शुक्रवार को विशेष रूप से

आरती की सरल विधि (Step-by-Step)

  1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
  2. राधा जी का चित्र या मूर्ति सामने रखें
  3. दीपक या घी का दीप जलाएँ
  4. मन को शांत कर आँखें बंद करें
  5. प्रेम से राधा जी की आरती गाएँ

शब्द शुद्ध हों या न हों, भाव शुद्ध होना चाहिए।

आरती के समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • जल्दबाज़ी न करें
  • मोबाइल से दूर रहें
  • मन को वर्तमान में रखें
  • कोई इच्छा न माँगें, केवल समर्पण करें

एक छोटा-सा अनुभव

कई भक्त बताते हैं कि जब उन्होंने नियम से नहीं, बल्कि प्रेम से आरती करना शुरू किया, तब जीवन में शांति आने लगी।

घर के वातावरण में भी धीरे-धीरे सकारात्मकता बढ़ने लगी।

इस आरती का वास्तविक फल

राधा जी की आरती का फल बाहरी नहीं, भीतरी होता है।

आप शांत होने लगते हैं, कम अपेक्षा करते हैं, और अधिक प्रेम करने लगते हैं।

अंतिम बात

यदि आप रोज़ सिर्फ पाँच मिनट भी राधा जी की आरती प्रेम से कर लें, तो वह पाँच मिनट आपके पूरे दिन को बदल सकते हैं।

याद रखिए — राधा जी को विधि नहीं, भाव चाहिए।

🙏 राधे राधे 🙏


लेखक: Radha Premi Official

📺 YouTube: https://youtube.com/@radhapremiofficial01

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